भारत में मिली मकड़ी की 2 नई प्रजाति |
ᐅ इक्कीसवीं सदी में मकड़ी की नई प्रजाति की हुई खोज।
ᐅडेजर्ट नेशनल पार्क में मकड़ी की नई प्रजाति की खोज :
ᐅवर्ल्ड स्पाइडर कैटलॉग में अब तक 50 हजार, अब 2 और जुड़ी
डेजर्ट नेशनल पार्क में मकड़ी की नई प्रजाति की खोज हुई है। यह विश्व में मौजूद अन्य मकड़ियों से अलग है। यह मकड़ी एफ्रोफ्लेसिला प्रजाति की है। इसे डीएनपी क्षेत्र के ऋषिकेश व उनके साथियों ने म्याजलार क्षेत्र से दिसम्बर 2018 में ऑब्जर्व किया था।
एफ्राफ्लेसिला म्याजलारएंसिस |
इसके बाद लगातार शोध करने के बाद अब शोध पत्र प्रकाशित कर इसे एफ्राफ्लेसिला म्याजलारएंसिस नाम दिया गया है और इसे विश्व की मकड़ी प्रजाति में अलग पहचान मिली है।
एफ्राफ्लेसिला कुरिचियाडएंसिस |
इसी तरह इसी प्रजाति की एक मकड़ी को केरल के वायनाड वाइल्ड लाइफ सेन्चुरी से जुलाई 2015 में आब्जर्व किया गया था। इसके लगातार रिसर्च के बाद अब शोध पत्र प्रकाशित किया है और इसका नाम एफ्राफ्लेसिला कुरिचियाडएंसिस नाम दिया गया है।
इस तरह विश्व में मकड़ी की प्रजातियों में दो नाम और जुड़ गए है।
एफ्राफ्लेसिला म्याजलारएंसिस और कुरिचियाडएंसिस की यह है खासियत
➨वर्ल्ड स्पाइडर कैटलॉग में 6 अप्रैल 2022 को स्विट्जरलैंड में 50 हजारवीं मकड़ी की प्रजाति को लिस्टेड किया गया है।
➨इसके बाद अब भारत में जैसलमेर व वायनाड में दो और प्रजातियां मिलने से इनमें और जोड़ी जाएगी। मकड़ी प्रजाति खोज में यह खोज एतिहासिक है।
➨केरल और राजस्थान के वातावरण में अंतर है। इसके बावजूद दोनों जगह एक ही प्रजाति की मकड़ियां मिलना सुखद संकेत है। इसकी मूल प्रजाति की खोज अफ्रीका में हुई थी, इस वजह से इस कैटेगरी को एफ्रोफ्लेसिला कहा जाता है।
➨इस खोज के बाद यह सिद्ध हुआ कि यह मकड़ी शुष्क और नमी, दोनों तरह के वातावरण में रह सकती है।
इस प्रजाति की मकड़ी घने जंगल में पाई जाती है और पेड़ों की टहनियों पर रहती है। इसका मुख्य भोजन पेड़ों की पतियों और डालियों को नुकसान पहुंचाने वाले कीट होते है। यह जाल नहीं बुनती है। इसके आगे के दोनों पैर अन्य पैरों की तुलना में मोटे होते हैं। यह घात लगाकर शिकार करती है। शेर,चीते की तरह शिकार देखने पर यह कूदकर उस पर हमला करती है और दबोच लेती है। इसलिए इसे जम्पिंग स्पाइडर भी कहा जाता है। यह पेड़ों को हानिकारक कीटों से बचाती है, इसलिए इसे पेड़ों की मित्र स्पाइडर भी कहते हैं।
नाम: एफ्राफ्लेसिला म्याजलारएंसिस
खोज: जैसलमेर के डीएनपी क्षेत्र के म्याजलार क्षेत्र में 2018 में खोजी।
प्रजाति: एफ्राफ्लेसिला
शोधपत्र: अक्टूबर 2022 में जारी किया।
नाम: एफ्राफ्लेसिला कुरिचियाडएंसिस
खोज: केरल के वायनाड की वाइल्ड लाइफ सेन्चुरी में 2015 में खोजी।
प्रजाति: एफ्राफ्लेसिला
शोधपत्र: अक्टूबर 2022 में जारी किया।