दीपावली के बारे में रोचक जानकारी । Interesting information about Diwali.



दिपावाली के बारे में कुछ रोचक बातें :- 


दीपावली शब्द संस्कृति के 2 शब्दों दीप + अवलि से बना है जिसका अर्थ है दीपों की पंक्ति या पंक्ति में रखे हुए दीपक। 

▫ दीपावली कार्तिक मास की अमावस्या को मनाई जाती है और भारत के सबसे बड़े और सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण त्योहारों में से एक है। 


▫दीपावली 5 दिनों तक मनाई जाती है।

• पहले दिन -  धनतेरस 

• दूसरा दिन  - नरक चतुदर्शी, रूप चौदस या काली चौदस 

• तीसरे दिन - दीपावली 

• चौथे दिन - अन्नकूट या गोवर्धन पूजा 

• पांचवें दिन - भाई दूज 



▫दिवाली का त्योहार अंधकार पर प्रकाश की जीत का प्रतीक है।

▫ दिवाली का त्योहार सर्दियों की शुरुआत का भी संकेत माना जाता है।

▫जैन धर्म के लोग इसे महावीर के "मोक्ष दिवस" के रूप में मनाते हैं।

▫सिख धर्म इसे "बंदी छोड़ दिवस" के रूप में मनाते हैं।

▫भारत के कई स्थानों में दीपावली को नए साल की शुरुआत के रूप में भी मनाया जाता है।

▫भारत में पटाखों का सबसे ज्यादा उत्पादन तमिलनाडु राज्य के शिवकाशी शहर में होता है। 

▫भारत का 55 प्रतिशत पटाखा उत्पादन शिवकाशी से ही होता है। इसीलिए शिवकाशी को कैपिटल ऑफ इंडियन फायर क्रैकर (Capital of Indian firecrackers) भी कहा जाता है।

▫पटाखों को :- 
अंग्रेजी में 'क्रैकर' (cracker)
 फारसी में 'तरके'
 गुजराती में 'फटाके'
 पुर्तगाली में 'पनचाऊ' कहते हैं।






पटाखे जलाते वक्त ये बातें ध्यान में रखे :- 

 1. आंखों पर चश्मा, पूरी बाजू की कमीज और पैट पहन कर ही पटाखे चलाए।

2.  बच्चों को पटाखों से दूर खड़ा करे।

3. पटाखे चलाते वक़्त कभी शैतानी ना करे और न ही एक-दूसरे के ऊपर पटाखों को फेंके। ऐसा करने से कोई बड़ा हादसा भी हो सकता है।

4. जिस जगह पटाखे चलाए वहां कोई आग लगने वाला पदार्थ नहीं होना चाहिए। 

5. पटाखे और आतिशबाजी के लिए कोई खुली जगह या ग्राउंड का इस्तेमाल करें। 

6. कई बार पटाखे बिना जले ही रह जाते हैं,  उन्हें कभी भी दुबारा उठा कर जलाने की कोशिश न करें। 

7. फटने वाले पटाखों को हाथ में पकड़ा न चलाएं।

8. पटाखे चलाते वक्त सिंथेटिक और नायलान के कपड़े न पहनें।

9. पटाखे जलाते वक्त अपने पास पानी की 1 बाल्टी जरूर रखें। 

10.  पटाखे चलाने के बाद अपने हाथों को अच्छी तरह से साबुन के साथ धोएं।



नई सीख सिखाए दिवाली :-


1. व्यक्तित्व में निखार लाना 
दिवाली के त्योहार से हमें कई अमूल्य बातें सीखने को मिलती है। ये सभी बातें हमारे व्यक्तित्व को और भी निखारती है। त्योहार से केवल और परम्पराओं के ज्ञान नहीं बल्कि नई और बेहतर शुरूआत ने शिक्षा को हमारे जीवन में लेकर आने का संदेश भी देती है। ये शिक्षाएं हमारे जीवन में बेहद खास योगदान डालती है और बेहतर व्यक्ति थे बनने में मददगार साबित होती है। 


2. सामाजिक मेलजोल बढ़ाना 
आधुनिक युग में लोग 1 ही घर में रहकर भी आपस में सही तरह बातचीत ना कर मोबाइल पर ज्यादातर समय बिताते हैं। आजकल बुजुर्ग से लेकर बचे भी मोबाइल पर ही मैसेज कर बात करते हैं लेकिन दिवाली का त्योहार मेल-जोल बढ़ाने में मदद करता है इसे हम पड़ोसी रिश्तेदार और दोस्तों के यहां जाते हैं। अगर आप नहीं जाते तो आप भी पड़ोसी रिश्तेदार और दोस्तों के यहां जाएं और उन्हें विषय करें मिठाई खिलाकर अपने रिश्तों को और मज़बूत करें। 


3.  बुजुर्गों का ख्याल करना 
त्योहारों में हम काफी मौज मस्ती और आनन्द लेते हैं लेकिन ध्यान रहे हमारे घर के आस पास अगर कोई बुजुर्ग बीमार है। तो हमें उनका भी ख्याल रखना चाहिये था कि मौज मस्ती में उन्हें कोई परेशानी न हो। 


4. अंधकार को दूर करना
हम सब जानते हैं कि दिवाली का त्योहार रोशनी का त्योहार है। इस त्योहार से में यह शिक्षा मिलती है कि हमारे जीवन में बुरी बातों और निराशा के अंधकार को ज्ञान के प्रकाश से ही दूर किया जा सकता है। हमें हर संभव प्रयास करना चाहिए कि हम बिलकुल भी गलत विचार और गलत दिशा की तरफ न चले। हमें अपने जीवन को उज्ज्वल बनाना चाहिए। हमें अपने जीवन को नशे बुरी आदतें के अन्धकार से दूर रह कर पढ़ लिखकर 1 अच्छा नागरिक बनना चाहिए। 



5. सच्चाई और बुराई का फर्क करना सीखे।
दिवाली के बावजूद दिन किसी न किसी पुरानी कथा से जुड़े हैं। हम जब इन पुरानी के कथाओं को सुनेंगे तो यह निर्णय लेने में सक्षम बनेंगे कि क्या अच्छा है और क्या बुरा। रावण से लेकर नरकासुर तक सभी की कथाओं को जानकर हम बुराई को अच्छे से जान पाएंगे। हमें इन पुराने थे कथाओं को सुनकर अपने जीवन में बुराइयों को त्यागकर अच्छाइयों को अपनाना चाहिये।





दिवाली में पटाखों से होने वाले प्रदूषण को कम करने के लिए  NATIONAL ENVIRONMENTAL ENGINEERING RESEARCH INSTITUTE (NEERI)
 

जानते हैं ग्रीन पटाखों के बारे में:-

🎆  ग्रीन पटाखे आवाज से लेकर दिखने में आम पटाखो जैसे ही होते हैं। लेकिन इनके इस्तेमाल से प्रदूषण काफी कम होता है।


🎆  यह आम पटाखों की तुलना में कम हानिकारक गैस पैदा करते हैं। हालांकि ऐसा नहीं है कि ग्रीन पटाखों से प्रदूषण बिल्कुल भी नहीं होता। तब भी यह सामान्य पटाखों से कम हानिकारक होते हैं। 


🎆 ग्रीन पटाखों मे  हवा प्रदूषण को बढ़ावा देने वाले हानिकारक रासायनिक पदार्थ बहुत कम होते हैं। 


🎆 इनमें एल्यूमीनियम, बैरियम, पोटैशियम नाइट्रेट और कार्बन का प्रयोग नहीं किया जाता या इन खतरनाक रसायनों की मात्रा काफी कम होती है। जिस वजह से इन पटाखों से प्रदूषण कम होता है।

🎆 ग्रीन पटाखों से वायु प्रदूषण के साथ साथ ध्वनि प्रदूषण भी कम होता है। क्यूंकि ये साइज में भी थोड़े छोटे होते हैं और कम आवाज करते हैं।




ग्रीन पटाखे 3 प्रकार के होते हैं :- 

🎇Safe Water रिलीजर  :- ये पटाखे जलाने के बाद पानी की बूंद पैदा करते हैं। जिसमें सल्फर और नाइट्रोजन के कण घुल जाते हैं। पानी प्रदूषण को कम करने का बेहतर तरीका माना जाता है।

🎇 Star क्रैकर :- स्टार क्रैकर का फुल फार्म है 'सेफ थर्माइट क्रैकर'। इनमें ऑक्सीडाइजिंग एजेंट का उपयोग होता है, जिसे से जलने के बाद सल्फर और नाइट्रोजन कम मात्रा में पैदा होते हैं। इसके लिए खास तरह के केमिकल का उपयोग होता है।



🎇 Safal पटाखे :-  इन पटाखों में सामान्य पटाखों की तुलना में 50 से 60 प्रतिशत तक कम एल्युमिनियम का उपयोग किया जाता है। इसे संस्थान ने  "सेफ मिनिमल एल्युमीनियम" यानी SAFAL नाम दिया है।



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