Veryovkina Cave (वेर्योव्किना गुफा)। यह अभी तक दुनिया की सबसे गहरी ज्ञात गुफा मानी जाती है।
आइए इसके बारे में विस्तार से जानते हैं:
🌍 1. परिचय
नाम: Veryovkina Cave (रूसी: Веровкина)
स्थान: Gagra पर्वत श्रृंखला, Arabika Massif, Abkhazia (काला सागर के पास का क्षेत्र, जिसे रूस नियंत्रित करता है, लेकिन अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जॉर्जिया का हिस्सा माना जाता है)
गहराई: लगभग 2,212 मीटर (7,257 फीट)
यह गुफा दुनिया की सबसे गहरी खोजी गई गुफा है।
🏞️ 2. खोज और अध्ययन
इस गुफा का पता पहली बार 1968 में सोवियत खोजकर्ताओं ने लगाया था।
लेकिन उस समय इसकी गहराई सिर्फ 115 मीटर तक ही मापी जा सकी थी।
बाद में कई दशकों तक लगातार अन्वेषण और स्पेलिओलॉजी (गुफा-विज्ञान) के अभियानों के बाद इसकी असली गहराई का पता चला।
2017 में आधिकारिक रूप से इसे दुनिया की सबसे गहरी गुफा घोषित किया गया।
⛰️ 3. संरचना और वातावरण
गुफा में कई संकरे रास्ते, ऊर्ध्वाधर (vertical) शाफ्ट, पानी से भरे हिस्से और बड़े-बड़े हॉल जैसे कक्ष पाए जाते हैं।
अंदर तापमान हमेशा लगभग +2 से +7 डिग्री सेल्सियस के बीच रहता है।
इसमें गहराई तक उतरना बेहद खतरनाक है क्योंकि जगह-जगह बाढ़, भूस्खलन, और ऑक्सीजन की कमी जैसी परिस्थितियाँ मिलती हैं।
🧗 4. अभियानों के दौरान चुनौतियाँ
इतनी गहराई तक उतरने के लिए खोजकर्ताओं को कई दिनों का समय लगता है।
रास्ते में रस्सियों और विशेष उपकरणों की मदद से नीचे उतरना पड़ता है।
अभियान दल को अंदर ही कैंप लगाना पड़ता है और अपने साथ खाना, ऑक्सीजन, और चिकित्सा सामग्री लेकर जाना पड़ता है।
कई बार यहाँ दुर्घटनाएँ और जानलेवा हादसे भी हो चुके हैं।
🌐 5. महत्व
यह गुफा मानव खोज के लिए एक चरम सीमा (extreme frontier) का उदाहरण है।
यहाँ वैज्ञानिक पृथ्वी की भूगर्भीय संरचना, पानी के प्रवाह और भूमिगत जीवन (microorganisms) के बारे में अध्ययन करते हैं।
यह स्पेलिओलॉजिस्ट्स (गुफा वैज्ञानिकों) और एडवेंचर एक्सप्लोरर्स के लिए दुनिया की सबसे रोमांचक जगहों में से एक है।
📌 मुख्य तथ्य (Quick Facts)
Veryovkina Cave = दुनिया की सबसे गहरी गुफा।
गहराई = 2,212 मीटर (7,257 फीट)।
स्थान = Abkhazia (Arabika Massif, Gagra Range)।
खोज = 1968 में, लेकिन असली गहराई 2017 में पता चली।
अंदर का तापमान = +2°C से +7°C।
बेहद खतरनाक, सिर्फ प्रोफेशनल स्पेलिओलॉजिस्ट ही प्रवेश कर सकते हैं।
👉 यह गुफा हमें धरती के रहस्यमयी अंदरूनी संसार की झलक दिखाती है और बताती है कि इंसान की खोज अभी भी जारी है।