नमस्कार दोस्तों
छिपकली दीवारों पर कैसे चल पाती है?
हम सभी ने घरों की दीवारों पर छतों पर छिपकली को चलते या दौड़ते देखा होगा, तो अक्सर हम यही सोचते हैं कि आखिरकार!
छिपकली दीवारों पर कैसे चल पाती है?
दीवारों से नीचे क्यों नहीं गिरती?
तो आज हम आपको इसी के बारे में जानकारी देंगे कि छिपकली दीवार से क्यों नहीं नीचे गिरती।
दोस्तों मिली जानकारी के मुताबिक वैज्ञानिकों ने कई शोध किए हैं कि छिपकली दीवार से क्यों नहीं गिरती आखिरकार छिपकली के पैरों में ऐसा क्या होता है। जो उन्हें गिरने से बचाता है।
तो दोस्तों हमारे सामने दो तथ्य आए हैं।
पहला - छिपकली के पैरों के नीचे की बनावट गद्दीदार (स्पजी) होती है। जब छिपकली चलती है तो सतह और पैरों के बीच इस सरचना के कारण एक हल्का सा वेक्यूम पैदा होता है। जो काफी ज्यादा होता है और उनके पैर आसानी से दीवार पर चिपक जाते हैं। यही व्याक्युम स्पेस छिपकली को दीवार या छत से चिपकाए रखती है और उसे गिरने से बचाने में मदद करती है।
दूसरा - छिपकली के पैरों में लाखों रेशे पाए जाते हैं। जिन्हें सीटी (Setae) कहा जाता है। जो कि सैकड़ों सूक्ष्म रेशों या रोम्स में विभाजित होते हैं। जो की स्पैचुले (Spatulae) कहलाते है। जब छिपकली छत पर चलती है या फिर वहां पर होती है। तो स्पैचुले दिवार के संपर्क में आते हैं और वानडर वाल्स बल उत्पन्न होता है। जो एक विद्युत चुंबकीय बल का ही रूप है। इसी बल के कारण छिपकली छत पर चल सकती है और नीचे नहीं गिरती।
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