Vesna Vulovic Plan Crash Story. वेस्ना वुलोविक प्लेन क्रैश की कहानी






यह कहानी है दोस्तों एक एयर होस्टेस कि जो आसमान से गिरी लेकिन जिंदा बच गई।


Vesna Vulovic Story वेस्ना वुलोविक की कहानी 

26 जनवरी 1972 को एक हवाई जहाज ने स्वीडन के स्टॉकहोम से सर्बिया के बेलग्रेड के बीच उड़ान भरी थी। इस हवाई जहाज में तकरीबन 28 यात्री सवार थे। फ्लाइट का नाम था (JAT FLIGHT -367). जानकारों के मुताबिक जब उड़ान भरी गई तब 46 मिनट बीत जाने तक, सब कुछ ठीक चल रहा था और फ्लाइट तकरीबन 33,000 फीट की ऊंचाई पर थी। सभी अपनी यात्रा का अनुभव ले रहे थे। तभी फ्लाइट के लगेज कंपार्टमेंट में एक जोरदार धमाका हुआ।




                      

इस धमाके से प्लेन के तीन टुकड़े हो गए। प्लेन में आग लग गई और प्लेन के टुकड़े नीचे गिरे। जिस जगह प्लेन के टुकड़े गिरे उस जगह का नाम था "चेकोस्लॉविया"। चेकोस्लॉविया के एक गांव के पास जहां प्लेन के टुकड़े गिरे, वहां बर्फ की मोटी चादर फैली हुई थी। उन्हीं बर्फ की चादर के ऊपर प्लेन का मलबा गिरा।






जब वहां प्लेन का मलबा गिरा तब, प्लेन के मलबे में आग लगी हुई थी। 
ये हादसा जहाँ हुआ, वहां से कुछ दूरी पर गांव मे रहने वाले उसे देख रहे थे।
 
उसी समय गांव के निवासी ब्रूनो वहां पर पहुंचे।
 
उन्होंने देखा कि एक जगह कुछ हलचल हो रही थी। दर्द से कराहने की कुछ आवाज आई। उस दर्द भरी आवाज का पीछा करते हुए ब्रूनो वहां पहुंचे।

देखा एक लड़की फंसी हुई है। 

दूसरे विश्व युद्ध में मेडिकल टीम का हिस्सा थे ब्रूनो। उन्होंने तुरंत उस लड़की को बेहद ही संभालकर बाहर निकाला और फर्स्ट ऐड (प्राथमिक सहायता) दिया। 

उस लड़की के दिमाग में गहरी चोट लगी थी। पैर की हड्डियां टूट गईं थीं। मांसपेशियां फट गईं थीं। जैसे ही उस लड़की को फर्स्ट-ऐड मिला, उसके बाद ही वो लड़की कोमा में चली गई। करीब 2 हफ्ते बाद उन्हें फिर होश आया था।





इस फ्लाइट के क्रैश होने में एक मात्र जिंदा बची लड़की
का नाम "वेस्ना वुलोविक (Vesna Vulovic)" आयु 23 वर्ष, सर्बिया के बेलग्रेड की रहने वाली थी। 

33,000 फुट की ऊंचाई से प्लेन क्रैश हुआ बिना पैराशूट के नीचे गिरी और जिंदा बच गई इस महिला की कहानी पूरी दुनिया के लिए किसी चमत्कार से कम नहीं थी।  किसी को भी इस बात पर भरोसा कर पाना मुश्किल था, खुद "वेस्ना वुलोविक" एक को भी यकीन नहीं था। पर यह सच था कि वह इस दुर्घटना में जिंदा बच गई। 


लोगों ने कहा कि "वेस्ना वुलोविक" खुशकिस्मत लड़की है, जो कि ऐसे बड़े हादसे से बच गई। लेकिन वह खुद दुनिया को यह कहती है। कि वह खुश किस्मत नहीं बल्कि बदकिस्मत लड़की है। 

ऐसा उन्होंने इसलिए कहा, क्योंकि इस हादसे के बाद उनकी पूरी जिंदगी बदल गई। उस समय उनके कमर के नीचे वाला हिस्सा काम नहीं कर रहा था। वह पैरालाइट हो चुकी थी। वह चल-फिर नहीं सकती।  

हादसे में भले ही वो बच गईं, लेकिन उनकी हंसती-खेलती जिंदगी उसी दिन से बर्बाद हो गई थी। वह जिंदा तो थी, लेकिन सामान्य इंसान की तरह नहीं। क्योंकि 
"वेस्ना वुलोविक" की सेवा और इलाज कराते-कराते माता-पिता की मौत हो गई। वह खुद एक कमरे में रहने को मजबूर हो गई थीं।

वेस्ना वुलोविक को पैराग्वे के हॉस्पिटल में इलाज के लिए भर्ती कराया गया था। इलाज के करीब 10 महीने के बाद ही वेस्ना फिर से चलने-फिरने लगी थी। लेकिन उसकी शारीरिक हालत ऐसी हो गई थी, कि वो कभी मां नहीं बन सकती थी। इस वजह से उनकी शादी तो हुई पर जल्द ही तलाक भी हो गया था।  



                   


ये चमत्कार कैसे हुआ? 
वो कैसे बच गई? 
वेस्ना वुलोविक के जिंदा बचने की वजह क्या थी?


इस पर रिसर्च होने लगी। 
 
 यह बताया जाता है कि, इसके पीछे बड़ी वजह थी वेस्ना वुलोविक का लो-ब्लड प्रेशर का होना।

इस बारे में एक्सपर्ट डॉक्टर बताते हैं कि :-

पहली वजह थी - जब भी आप हजारों फुट की ऊंचाई पर होते हैं और अचानक ऐसा हादसा होता है। तो ब्लड प्रेशर काफी बढ़ जाता है। फिर ऑक्सीजन की कमी से दिल फट जाता है। उस फ्लाइट में दूसरे यात्रियों के साथ ऐसा ही हुआ होगा। लेकिन वेस्ना वुलोविक का ब्लड प्रेशर लो था।  ऐसे में उसका ब्लड प्रेशर बढ़ा भी तो सामान्य लोगों की तुलना में काफी कम रहा होगा। इसलिए वो  इस हादसे में सरवाइव कर गई।

दूसरी वजह थी - जब ये हादसा हुआ तब वह खाने की ट्रॉली लेकर आ रही थी। उसी समय प्लेन क्रैश हुआ और तीन टुकड़े हुए तो ट्रॉली प्लेन के एक हिस्से में टकराकर फंस गई थी। इसी प्लेन और ट्रॉली के बीच के स्पेस में वेस्ना ऐसे फंसी कि वो दोनों तरफ से कवर हो गई। तो आग की लपटों से बच गई।

तीसरी वजह थी- प्लेन क्रैश होने के बाद बर्फ की मोटी चादर पर गिरना। क्योंकि जब वो 33 हजार फुट की ऊंचाई से नीचे गिरी तो बर्फ से टकराने के बाद भी उसे उतना झटका नहीं लगा, जितना सामान्यतौर पर लगता है।

     इन्हीं वजहों से उसकी जान बच गई।

 
Paul McCartney presented Vesna with a certificate and medal
 for achieving the highest fall survived without
 a parachute (Source: guinnessworldrecords.com)


 कुछ और बातें:- 

जब किसी का लो ब्लड प्रेशर होता है तो उसे किसी फ्लाइट में नौकरी ही नहीं मिल सकती थी।

लो ब्लड प्रेशर था वेस्ना को,  फिर भी वेस्ना को एयरलाइंस में नौकरी मिली, जानते हैं इसके बारे में -:

वेस्ना एक बार फ्लाइट से लंदन घूमने गई थी। उसी दौरान उसे लगा कि वो फ्लाइट अटेंडेंट (एयर होस्टेस) बन सकती है। इसलिए 22 साल की उम्र में वो अपने इस सपने को पूरा करने के लिए एक दोस्त से मिली।


जिसके बाद उन्होंने लिखित परीक्षा पास की, बाद मे उसकी मेडिकल जांच होने वाली थी, तब उसने काफी मात्रा में कॉफी (Coffee) पी ली थी। कॉफी पीने से उसका ब्लड प्रेशर बढ़ गया। यानी लो-ब्लड प्रेशर अब नॉर्मल हो गया था और मेडिकल जांच में वो पास हो गई। इस तरह उसे  साल 1971 में उसे सर्बिया की नंबर-1 एयरलाइंस में उसे नौकरी मिल गई।

इस हादसे से पहले सिर्फ 8 महीने तक उसने नौकरी की थी। जब उसके 8 महीने की नौकरी हुई थी तब उसे JAT Flight 367 का क्रू मेंबर बनाया गया।
 
  



 इंटरव्यू में बताया

इस हादसे के कई साल बाद साल 2002 में एक इंटरव्यू के दौरान वेस्ना ने बताया था, कि ‘मेरे सहयोगियों को लग ही रहा था कि कुछ ना कुछ गलत होने ही वाला है। क्योंकि पायलट ने इस उड़ान से पहले करीब 24 घंटे तक खुद को होटल के कमरे में बंद करके रखा था। वो अपने कमरे से बाहर भी नहीं आना चाहते थे।

वेस्ना वुलोविक ने एयरलाइंस से फिर से ड्यूटी ज्वाइन करने की भी बात पर उसे मना कर दिया गया। क्योंकि अगर उसे कोई फ्लाइट में देखता पैसेंजर्स को उस हादसे की याद आती और डर जाते।

 

 फ्लाइट में ब्लास्ट कैसे हुआ?
 क्या कारण थे ब्लास्ट होने के?


मिली जानकारी के मुताबिक यह बताया जाता है, कि ये हादसा नहीं बल्कि आतंकी हमला था। बम को किसी सुटकेस के जरिए फ्लाइट के लगेज कंपार्टमेंट में रखा गया था। उस जमाने में एयरपोर्ट पर आज के जैसी चेकिंग भी नहीं होती थी। लेकिन इस घटना से जुड़े संदिग्ध आतंकियों के बारे में आज तक कोई सुराग नहीं मिल सका है। 

      
गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में नाम दर्ज

33 हजार फुट की ऊंचाई से बिना पैराशूट जमीन पर जिंदा आने की वजह से गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में साल 1985 में नाम दर्ज हुआ।

आज भी ये रिकॉर्ड नहीं टूट पाया और शायद ही ये रिकॉर्ड कभी टूट भी सके।








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