क्या है? (संक्षेप)
Lazy Dog कोई विस्फोटक बम नहीं था बल्कि छोटे, स्टील के काइनेटिक प्रोजेक्टाइल (छोटे “डार्ट”/पेंच जैसे टुकड़े) थे जिन्हें हवाई जहाज़ से बड़ी संख्या में गिराया जाता था। इनके अंदर कोई विस्फोटक चार्ज नहीं होता — गिरने के दौरान इनका वेग इतना बढ़ जाता था कि ये गंभीर घातक/छर्रा-प्रभाव पैदा कर देते थे।
आकार और तकनीकी विशेषताएँ
सामान्य आकार: लगभग 1.7–1.8 इंच (~44 mm) लंबा, ~0.5 इंच (~13 mm) व्यास। वजन क्रमशः कुछ ग्राम (आम तौर पर ~15–20 ग्राम) के आसपास।
इनमें पंखुड़ियाँ/फिन लगे होते थे ताकि गिरते समय वे स्थिर रहें और सीधा लक्ष्य पर लगें। परंपरागत विस्फोटक नहीं; घातकता पूरी तरह काइने틱 ऊर्जा (गति ऊर्जा) से होती थी।
कैसे पहुँचाया जाता था (डिलिवरी)
इन्हें क्लस्टर-डिस्पेंसर (जैसे Mk 44 जैसे ऐडाप्टर/काउल) में पैक करके एयरक्राफ्ट से छोड़ा जाता था; डिस्पेंसर बीच हवा में खुलता और हज़ारों छोटे प्रोजेक्टाइल नीचे बिखर जाते थे — इसलिए एक ही पास में बहुत बड़ा क्षेत्र कवर किया जा सकता था।
इस्तेमाल — कहाँ/कब
विकास का काम द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान शुरू हुआ, और यह मुख्यतः कोरिया तथा वियतनाम युद्धों में उपयोग किया गया। इनमें भारी मात्रा में गिराए जाने पर पैदल सेना, हल्के कवर, जंगल की छतरी आदि पर गंभीर प्रभाव पड़ता था।
प्रभाव / क्षति का तरीका
टार्गेट पर लगने पर ये तेज़-तर्रार घुसपैठ/छेदन करते हैं — पेंच/डार्ट की तरह — इसलिए घातक साबित होते हैं। कुछ रिपोर्ट बताते हैं कि उच्च गति पर ये नरम कवच, मिट्टी, या झाड़ीदार कवर को पार कर सकते थे। क्योंकि इनमें विस्फोटक नहीं होते थे, ये अन-विस्फोटित सामग्री (UXO) के रूप में वर्षों बाद भी सक्रिय रहने का जोखिम कम करते थे।
फायदे और सीमाएँ
फायदे
सस्ता और सरल निर्माण; बड़ी संख्या में कवर(area saturation) संभव।
बिना विस्फोटक होने के कारण पारंपरिक UXO जोखिम कम।
सीमाएँ / कमियाँ
यह एक एंटी-पर्सनल हथियार था — बड़ा क्षेत्र प्रभावित करता और नागरिकों/गैरलक्ष्य को नुकसान पहुंचाने का जोखिम बढ़ता।
आधुनिक सटीकता वाली हथियार प्रणालियों के आने बाद व्यापक, निष्पक्ष उपयोग पर नैतिक/रणनीतिक प्रश्न उठे।
कानूनी और नैतिक पहलू
Lazy Dog जैसा हथियार अंततः विवादास्पद माना गया क्योंकि यह व्यापक क्षेत्र में फैलता और उच्च संभावना रहती कि असैनिक भी प्रभावित हों। हालांकि ये पारंपरिक विस्फोटक क्लस्टर बमों से अलग हैं (क्योंकि इनके पास विस्फोटक नहीं था और UXO कम छोड़ते थे), पर एंटी-पर्सनल प्रयोजन और बड़े-स्केल फैलाव के कारण इनका उपयोग आलोचना का विषय रहा। (नोट: विशिष्ट अंतरराष्ट्रीय-संधियों/प्रतिबंधों के बारे में अलग-अलग समय पर नीतियाँ बदली हैं; आधुनिक विशिष्ट कानूनी स्थिति जानने के लिए किसी हूकूकीय/अद्यतन स्रोत से जाँचना चाहिए)।
रोचक तथ्य / आंकड़े
एक क्लस्टर-एडेप्टर में हज़ारों प्रोजेक्टाइल पैक किए जा सकते थे — एक ही छोड़े जाने पर हजारों “डार्ट” नीचे बिखरते थे।
किसी स्रोत के अनुसार, इनकी टर्मिनल वेलोसिटी ~700 ft/s (लगभग 213 m/s) के आसपास मापी गई — यानी काफी उच्च गतिज ऊर्जा।